पौध पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं पौधे जीवन को महफूज भी रखते हैं पौध पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं पौधे जीवन को महफूज भी रखते हैं
मझधार में खड़ी तेरी नाव को लिखूं या फिर अपनी ज़िंदगी के गुलज़ार को लिखूँ! मझधार में खड़ी तेरी नाव को लिखूं या फिर अपनी ज़िंदगी के गुलज़ार को लिखूँ!
क्या पता कब तुम्हें और एक, आशियाने की जरूरत पड़ जाए ? क्या पता कब तुम्हें और एक, आशियाने की जरूरत पड़ जाए ?
भावों का सुंदर सा भरा पिटारा, कैसे लिखोगे ? एहसास सारा। भावों का सुंदर सा भरा पिटारा, कैसे लिखोगे ? एहसास सारा।
झरने से गिरते जल जैसी, खल खल खल खलकारी है झरने से गिरते जल जैसी, खल खल खल खलकारी है
गागर में सागर गागर में सागर